वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता लगाने के लिए 75 जिलों का अध्ययन करेगा 'ICMR'

वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का पता लगाने के लिए 75 जिलों का अध्ययन करेगा 'ICMR'

सेहतराग टीम

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद वायरस से सामुदायिक प्रसार का पता करने के लिए 75 जिलों का अध्ययन करेगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। इसका मकसद यह पता करना है कि क्या देश में वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरु हो चुका है? आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक के अनुसार रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के जरिए ये जांच होनी थी। किट के फेल होने के बाद इसे टाल दिया गया। अब ये जांच एलाइजा टेस्ट के जरिए पूरी होगी जो एंटीबॉडी टेस्ट से मिलती जुलती है। जांच एलाइजा टेस्ट के जिरए पूरी होगी जो एंटीबॉडी टेस्ट से मिलती जुलती है। जांच प्रक्रिया पर तब रोक लग जाएगी जब परिणाम अलग-अलग आएंगे। उन्होंने बताया कि रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में चुनिंदा लोगों की जांच होगी और ये देखा जाएगा कि इन लोगों के भीतर एंटीबॉडीज है या नहीं।

पढ़ें- कोरोना वायरस की हर जानकारी और मदद के लिए यहां देखें राज्यवार हेल्पलाइन नंबर

अगले सप्ताह तक आ जाएगा नतीजा

आईसीएमआर के एक वैज्ञानिक की मानें तो इस जांच का सिर्फ एक मकसद ये जांचना है कि लोगों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनी है या नहीं। उम्माद है कि अगले सप्ताह का अध्ययन का पूरा नतीजा सामने आ जाएगा। एलाइजा जांच से रक्त में एंटीबॉडीज बनने का संकेत मिलता है तो ये माना जाएगा कि संबंधित व्यक्ति संक्रमित हुआ है। हालांकि एलिजा किट को भी अभी आईसीएमआर से अनुमति मिलनी बाकी है।

 

इसे भी पढ़ें-

कोरोना मरीजों के लिए संशोधित डिस्‍चार्ज पॉलिसी जारी, जानिए किसे कब अस्पताल से मिलेगी छुट्टी

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।